बुद्धि बुद्धि क्या हैं ? के संबंध में 1923 में विश्व के मनोवैज्ञानिकों की अंतरराष्ट्रीय परिषद हुई पर जैसा की रॉस ने कहा है “वे यह निश्चित नहीं कर सके कि बुद्धि (intelligence) में स्मृति या कल्पना या भाषा का अवधान या गामक योग्यता या संवेदना सम्मिलित है या नहीं।” परन्तु यह निश्चित है कि मानव शरीर में कोई ऐसा तत्व अवश्य है जो उसे पशु-पक्षियों से अलग करता है। जिसके आधार पर बाल-वृद्ध, स्त्री-पुरुष, शिक्षित-अशिक्षित सभी किसी एक ही कार्य को सामान्य रूप से समान समय में और समान कुशलता के साथ नहीं कर पाते। इसी को हम बुद्धि (Intelligence) तत्व कहते हैं, यही वह तत्व है जो कुछ में बहुत अधिक, कुछ में सामान्य, कुछ में कम, कुछ में बहुत कम और कुछ में नहीं के बराबर पाया जाता है। इस सम्बन्ध में मनोवैज्ञानिक एकमत नहीं हैं। उन्होंने अपनी अलग-अलग परिभाषायें दी हैं।
बुद्धि की परिभाषाएँ
(1) स्टर्न (Stern)– “बुद्धि जीवन की नवीन समस्याओं तथा परिस्थितियों के अनुसार अनुकूलन करता है।’
(2) बकिंघम (Buckingham) “सीखने की योग्यता बुद्धि है। “
(3) वुडवर्थ (Woodworth)–“बुद्धिगत अनुभवों तथा ज्ञान के आधार पर समस्याओं को हल करने की जन्मजात क्षमता है। “
(4) बिनेट (Binet)– “किसी समस्या को भली-भाँति समझना, भली-भाँति तर्क करना तथा किसी निश्चित निर्णय पर पहुँचना बुद्धि की आवश्यक क्रियाएँ हैं।’
(5) वैश्लर (Wechsler)–“बुद्धि व्यक्ति की वह सार्वभौम शक्ति है जो उसे उद्देश्यपूर्ण कार्य करने, तर्कपूर्ण ढंग से सोचने तथा प्रभावपूर्ण ढंग से समायोजन करने में सहायता देती है।’ (7) गाल्टन (Galton) “विभेदकारिता और चयन की शक्ति का नाम ही बुद्धि है। “
उपर्युक्त परिभाषाओं में विभिन्नता होते हुये भी निम्न समानताएँ हैं
(1) बुद्धि (intelligence) एक सामान्य मानसिक शक्ति है।
(2) इसकी सहायता से व्यक्ति नवीन बातें सीखता है और सीखने की क्रिया द्वारा ही यह अपने को व्यक्त करती है।
(3) नवीन परिस्थितियों में व्यक्ति इसकी सहायता से ही अपने को परिस्थितियों के अनुकूल बनाता है।
(4) इसकी सहायता से व्यक्ति अपने पूर्व अनुभवों को सुव्यवस्थित करता है और आवश्यकता पड़ने पर उसका सदुपयोग करता है।
उपर्युक्त विवेचन के आधार पर हम कह सकते हैं कि-” बुद्धि (intelligence) मनुष्य की वह सामान्य या विशिष्ट विचार, तर्क एवं निर्णय शक्ति है, जो परिवर्तनशील परिस्थितियों में उसे उसका कार्य कुशलता एवं तत्परता के साथ यथाशीघ्र पूर्ण करने में सहायता करती है।”