मनु की वर्ण व्यवस्था

मनुस्मृति में उल्लेख आया है कि “ईश्वर ने विश्व की समृद्धि और कल्याण के लिए मुख, बाँह, जंघा तथा पैर से क्रमशः ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र की रचना की।” इस प्रकार मनुस्मृति समाज को धर्म और कर्म के आधार पर चार वर्गों या वर्णों में विभाजित करती है।